Add To collaction

रक्षक (भाग : 12)

रक्षक भाग : 12


खण्ड पाँच : undead युद्ध के बाद

------------------------------------

Undead मारा गया, या यूं कहें तो उसने खुद का बलिदान दे दिया  तो ज्यादा बेहतर होगा।
अब सुबह होने को थी। अंधेरे के बेटे तमस को सबकुछ पता चल चुका था। तमसा का कोई पता नही चल रहा था, न ही रक्षक के पिता के बारे में कोई जान पाया था कि वो कहाँ हैं और रक्षक के पिछले रात के वो सपने किस बारे में थे, कुछ भी समझ नही आ रहा था।

रक्षक  और उसके सभी साथी एक जगह समूह में इक्कट्ठा होकर आने वाले पल की  सम्भावनाओ को ज्ञात करने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही रक्षक खुद को और बाकियों को समझने का प्रयास कर रहा था, क्योंकि रक्षक में चाहे जितनी भी शक्तियां हों उन्हें चलाने वाला, एक मानव मस्तिष्क राज का है, जो इन सब के बारे में कुछ भी नही जानता, रक्षक अनद के बारे में सोचने लगता है।

अचानक उसे कुछ याद आता है, वो 4J की ओर मुखातिब होता है।

"मैं तुम्हारी दुनिया, यानी इस दुनिया में दो रात बिता चुका हूँ, क्या मेरी दुनिया में मेरे परिवार वाले इस बात को लेकर चिंतित नही होंगे?" - युद्ध मे खोये हुए राज के मस्तिष्क को जब अपने पृथ्वीवासी परिवार की याद आयी तो उसे चिंता सताने लगी।

"नही! क्योंकि राज अब भी वहां है!" - जैक मुस्कुराते हुए बोला।

"क्या! मैं तो यहां हूँ फिर राज धरती पर कैसे हो सकता है?" - रक्षक ने चौकते हुए पूछा।

"वक़्त आने पर सब बता देंगे रक्षक!  बस इतना जानलो इसी काम के लिए हम वापस पृथ्वी पर गए थे।" - जय ने मुस्कुराते हुए कहा।

"और तब से इस  यूनिक के बचे ने इस अजीब भाषा को अपनी प्राथमिक भाषा बनाकर रखा है।" - जीवन अपने हाथों को हवा में उड़ाकर बोला, उसके व्यवहार से लगता ही नही है जैसे वो युद्ध के मैदान में है क्योंकि वो तो हमेशा यूनिक से  लड़ाई का बहाना ढूंढता रहता है।

"देख भिड़ू अगर तेरेको  मेरी बोली इच से पिरोबोलेम हो रहा है तो कान में ये ध्वनि-अवरोध घुसेड़ लेने का ठीक न! लेकिन मेरे बात के बीच मे टांग नही घुसेड़ने का।" -  यूनिक अपना बड़ा सा मुँह बनाकर बोला, यूनिक जीवन से जीवन जैसा ही व्यवहार करता है।

" यार मुझे एलर्जी है इस भाषा से.." - जीवन अपनी बंदूक को निकलते हुए दूसरे हाथ से तलवार पकड़ा।

" देखो तुम दोनों मेरी बात सुनो, ये भाषणगीरी और लड़ाई झगड़े सब बाद में करना अभी आने वाले खतरे के लिये तैयार होना है, इसलिए सबसे पहले तुम ( जीवन की ओर इशारा करके) यूनिक से लड़ना छोड़ दो और यूनिक तुम अब से भिड़ू नही बोलोगे, इस शब्द को हटाओ अपनी शब्दावली से अभी के अभी।" - जय बोला, एक जय ही था जिसकी दोनों बात मान लिया करते थे नही तो आपस मे ही लड़ लेते दुश्मन की जरूरत ही न पड़ती।

"ठीक है माई बाप! अभी के अभी करेला है।" - यूनिक पियक्कड़ जैसे एक्टिंग करते हुए दोनों हाथ जोड़कर बोला।

"क्या करेला?" - जैक अपने मुँह पे हाथ रखकर बोला और हँसने लगा

"यार करेला कड़वा होता है तुम्हे पता भी नही.." - रक्षक भी अब हल्के मूड में आ गया था।

"और ये कड़वा क्या होता है?" - काफी देर से इनकी बातें सुन रहे अंश ने पूछा

"यार…..! तुम सब चुप हो जाओ हमे अभी के युद्ध के लिए योजना बनानी बहुत जरूरी है" - जयंत जोर से चिल्लाकर बोला, सब उसकी तरफ देखकर हँसने लगे।

"देखो undead उसका महाशक्तिशाली मोहरा था, तो अब वो उससे कम शक्तिशाली मोहरों को भेजने की बेवकूफी तो नही कर सकता, उसने हज़ारो साल से उजाले को हराने का सपना  संजोया है उसे पूरा करने के लिए या तो वो खुद आएगा या undead से भी ज्यादा  शक्तिशाली योद्धा को भेजेगा, मतलब दोनों ही परिस्थितियों में हालत अब से और खराब हो चुकी होगी, इसलिए हमें और अधिक तैयारी की आवश्यकता है।" - जय सबको समझाते हुए बोला।

"और मुझे लगा था की मैं undead को अकेले ही खत्म कर सकता हूँ पर  जब सबके साथ मिलकर  उससे लड़ना इतना मुश्किल था की मैं मरते मरते बचा, तो अकेले आने पर मेरा क्या हश्र हुआ होता" - रक्षक अपनी उस गलती को स्वीकार करता है जो उसने क्रोधावेश में किया था।

"कोई बात नही रक्षक! तुम सच मे शक्तिशाली हो, बस तुम अभी सम्पूर्ण नही हो इसीलिए मैं और जयंत भी उसी रात तैयारी में जुट गए  पर अंधेरे का बेटा हम सबकी सोच से भी ताक़तवर है।" - स्कन्ध, रक्षक के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला।

"ठीक है! देखो प्लान ये है कि…" - जीवन एक छोटे से बी-पेन से जमीन पर कुछ अंकित करने लगता है।

पर यूनिक इस बार उसे कुछ नही बोलता, न ही बीच में टोकता है, और जय को ये अजीब लगता है कि जीवन प्लान बना रहा और यूनिक उसमे कमी नही निकाल रहा।

"यूनिक! तुम्हारा ध्यान किधर है..?" - जय यूनिक को टोकते हुए बोला।

"अरे रहने दो, पहली बार तो बेचारा जीवन सही से प्लान बना पा रहा।" - हँसते हुए जॉर्ज बोला।

"पड़ोसियों के पापा सँपेरे, हमरे गले में तीन साँप
हमको रही प्राण प्यारी, फेंक दिए मर गए तीनो बाप!" - यूनिक बदले हुए लहज़े में बोला।

"ये क्या बोलने लगा! इस यूनिक को क्या हुआ?" - जैक चौंकते हुए बोला

"वो छोड़ो, पहले ये पता करो ये पड़ोसी, सँपेरे, तीनो बाप क्या है!" - जॉर्ज बोला, सबको यूनिक की इस भाषा पर यकीन नही हो रहा था, न ही कुछ समझ आ रहा था।


तभी युद्ध का घण्टा बज गया, कुछ दूर धूल का तूफान उठने लगा, और वो धीरे-धीरे इनके पास आने लगा।

"ये अंधेरे की सेना भी अजीब है, रात में हमला करते ही हैं तो दिन में रणभेरी बजने का इंतजार क्यों कर रहे थे।" - स्कन्ध बोला।

बड़े बड़े हरे-काले राक्षसों की नीली सेना तेज़ी से इनकी ओर बढ़ती आ रही थी, देखने से वे सब साँप जैसे लगते थे, जिनके तीन सर थे, हाथो पर ऊपर काला रंग और नीचे हरा रंग था, उनकी लंबी पूंछ सांपो जैसी थी, अब जाकर किसी को यूनिक के कहने का मतलब समझ आया, पर पूरा वो भी नही।

उन काले राक्षसों के सेना के बीच मे हवा में उड़ती हुई आ रही थी उनकी सेनापति, तमसा महान! जो आज खुद युद्ध मे आयी थी, या फिर पिछली बार की तरह भाग जाएगी!

ये राक्षस पहले के राक्षसों से बहुत अधिक खूंखार और डरावने नज़र आ रहे थे और तमसा के उपस्थित होने से उनमें दुगुना जोश भरा हुआ था।

"ये अंधेरे के पास कुल कितने सैनिक हैं यार! ऐसा लगता है कभी कम ही न होंगे!" - अर्थ इतनी भयंकर सेना देखकर बोला, उसके बचे खुचे सैनिक भी चोट पर दवाई का लेप लगाकर लड़ने के लिये तैयार थे।

रक्षक और बाकी सब भी अपने अस्त्र-शस्त्र को लेकर युद्ध के लिये तैयार हो गए, रक्षक आज रोष में था, उसे अनद के लिए दुख महसूस हो रहा था। वह अपने दोनों हाथों में  तलवार थामे आगे बढ़ा, उसके अगल-बगल में सभी उसके साथ चल रहे थे, सब  एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराये। रक्षक ने आँखे झुकाकर इशारा किया और अब दोनों ओर की सेनाएं एक दूसरे के पास पहुँच चुकी थी।

अब क्या होगा जब रक्षक और उसके थके हुए साथी, इन विचित्र अंधेरे के राक्षसों और स्वयं अंधेरे की पुत्री तमसा महान से होगा?

क्या यह निर्णायक युद्ध होगा या तमस भी पहुँचेगा युद्धक्षेत्र में, लहू आखिर कहाँ है? अपने ग्रह को इस संकट में छोड़कर वो कहाँ लापता है?

धरती पर राज और रक्षक भी राज है, ये कैसे संभव है, राज और रीमा का आगे क्या होगा, रीमा कौन है, अंश, स्कन्ध, जयंत, 4J कौन है?

कैसे जेन्डोर ग्रह बन गया उजाले का केन्द्र, तमस आखिर चाहता क्या है? हज़ारो सवाल हैं जिनका जवाब मिलेगा जब खुलेगा - "युद्धक्षेत्र रहस्य।"

   8
4 Comments

Zaifi khan

01-Dec-2021 09:25 AM

بہت عمدہ

Reply

Niraj Pandey

08-Oct-2021 04:42 PM

बहुत ही शानदार भाग👌

Reply

Seema Priyadarshini sahay

05-Oct-2021 12:13 PM

बहुत सुंदर भाग

Reply